अगासदिया एवं वैभव प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पुस्तक विमोचन एवं विमर्श का कार्यक्रम 24.08.24 को भिलाई निवास में सम्पन्न हुआ। कमलेश चंद्राकर लिखित बाल कविताओं के संग्रह का विमोचन हुआ। संग्रह ‘‘स्कूल के दिन आये फिर ‘‘ पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि द्वारिका प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि बाल कविताओं की चार किताबें कमलेश चंद्राकर लिख चुके हैं। वे बाल मनोविज्ञान के गहरे जानकार हैं। वे बाल कविता लेखन के क्षेत्र में लगातार यशस्वी हो रहे हैं। आज सोशल मीडिया ने संसार भर को जोड़ दिया है। अमेजन के माध्यम से प्रिंट मीडिया को भी प्रचार, प्रसार बिक्री का लाभ मिल रहा है। दुनियां बदल रही है हम जितना ही बदलती दुनिया को साध सकेंगे आगे जाएंगे।
अध्यक्ष गिरीश पंकज ने कहा कि बाल कविताओं में अब आधुनिक चुनौतियों का भी समावेश हो रहा है। जीवन में पेचीदगी बढ़ी है तो उसका बिम्ब बाल कविताओं में भी आया है। कथाकार गुलबीर सिंह भाटिया ने कहा कि कमलेश की कविताएं बाल मन के अनुरूप है इसीलिए चर्चित हैं। जी.आर. राना ने ‘‘स्कूल के दिन आए फिर‘‘ में बने सुन्दर चित्रों की प्रशंसा की, उन्होंने कहा कि सुन्दर चित्र आधी सफलता है। बच्चा तब आकर्षित होता है जब उसे चीजें अच्छी लगती हैं।
साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने कहा कि कमलेश भाषा के प्रति सजग और सिध्द साहित्यकार हैं। गुनगुने काव्य संग्रह से चालीस वर्ष पूर्व कमलेश को पहचान मिली। वे प्रचार से दूर रहकर भी अपनी पहचान बना सके तो केवल रचना की श्रेष्ठता के कारण। वे नारायण लाल परमार की परंपरा को समृध्द कर रहे हैं। कवि रवि श्रीवास्तव ने कमलेश पर केन्द्रित आयोजन में अगासदिया और वैभव प्रकाशन की भूमिका को रचनात्मक कहा। नई पीढ़ी में कमलेश बच्चों के लिए अच्छा लिख रहे हैं। हमें उनसे काफी आशा है। डॉ. सुधीर शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने बताया कि कमलेश चंद्राकर चुप रहकर अपनी रचनाओं के माध्यम से धमाका करने में रूचि रखते हैं।
अपने सम्मान के अवसर पर कवि कमलेश चन्द्राकर ने कहा कि मुझे वरिष्ठ साहित्यकारों ने सदैव प्रोत्साहित किया। विशेषकर डॉ. परदेशीराम वर्मा ने मेरे लेखन के प्रारंभिक काल मुझे स्नेह दिया।
कार्यक्रम में श्रीमती संतोष झांझी, बद्री प्रसाद पारकर, डॉ. रविशंकर नायक, बंशीलाल कुर्रे, बलदाऊ राम साहू, रामबरन कोरी, देवेन्द्र नाथ शर्मा, संजय दानी, अनीता करडेकर, ऋषि गजपाल, हरिसेन, कमलेश वर्मा, शिव कुमार चंद्रा, बलराम चंद्राकर, ओंकार सिंह चंद्राकर, श्रीमती माधुरी अग्रवाल, प्रशान्त कानस्कर, संतराम साहू, रामसेवक वर्मा, एल. एन. मौर्य, ध्रुवदास बघेल, शिवमंगल सिंह महंत, अंतराम साहू सहित दुर्ग भिलाई, रायपुर के साहित्यकार उपस्थित थे। कमलेश चन्द्राकर के बुजुर्ग पिताजी सहित पूरा परिवार इस अवसर पर उपस्थित रहा।
        डॉ. परदेशीराम वर्मा
इसे भी पढ़िए -   किसानों की मांग के अनुरूप खरीफ फसलों की सिंचाई हेतु बांधों से दिया जाएगा पानी

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *